दुर्गेश उपाध्याय
किसी भी राज्य की तरक्की की पहचान उसके बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर से होती है, जितना बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी होगी, उतने ही बड़े पैमाने पर निवेश आता है और विकास के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के साधन उत्पन्न होते हैं। उत्तर प्रदेश में मौजूदा योगी सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का ऐसा जाल बिछाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है, जो प्रदेश की जनता को बेहतरीन सड़कों के अलावा विकास की अपार संभावनाओं से जोड़ देगा। उत्तर प्रदेश में इन दिनों निवेश का जितना बेहतरीन वातावरण उपलब्ध है, उतना शायद ही कभी रहा हो। यही वजह है कि सरकार द्वारा विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस एक्सप्रेस-वे के जरिये यातायात को तीव्र, सुगम और सुलभ बनाए जाने की दिशा में तेजी से काम कराया जा रहा है।
मार्च, 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रदेश में केवल दो एक्सप्रेस-वे ही मौजूद थे, किंतु पिछले चार वर्षों में विकास की दौड़ में किए जा रहे प्रयास साफ दिखाई दे रहे हैं। इसी वजह से 30 नवंबर, 2020 को देव-दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी आए, तो उन्होंने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब 'एक्सप्रेस-वे प्रदेश' बन चुका है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में जुड़ने जा रहा है और यह एक्सप्रेस-वे संपूर्ण पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की रीढ़ साबित होगा।
यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की टीम द्वारा इन दिनों सबसे तेज गति से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे और उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 74 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी है और युद्ध स्तर पर इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है। न केवल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बल्कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे में भी तेजी से काम हो रहा है। वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री प्रदेश के निवासियों को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रूप में एक बेहतरीन सौगात देने जा रहे हैं।
इसके अलावा योगी सरकार ने बुंदेलखंड की धरती को विकास का नया केंद्र बिंदु बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और तमाम नई योजनाएं शुरू की गई हैं। मुख्यमंत्री के विजन का ही परिणाम था कि वर्ष 2019 के कुंभ मेले के दौरान उन्होंने गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा की थी। उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु जनपद मेरठ से लेकर जनपद प्रयागराज तक पूर्णतः नियंत्रित गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्र शुरू होने जा रहा है, इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में हजारों की संख्या में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जो कि प्रदेश की तरक्की को नया आयाम देगा।
कोरोना संक्रमण के दौरान भी न केवल तेजी से एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य निर्बाध गति से हो रहा है, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों को रोजगार भी मुहैया कराया गया है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान रोजगार प्रदान करने की दृष्टि से भी यूपीडा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश, एक्सप्रेस-वे के निर्माण की दृष्टि से पूरे देश में नंबर एक प्रदेश हो गया है और इतने बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की प्रक्रिया में बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हुए हैं। सरकार द्वारा प्रदेश के छह जिलों में चित्रकूट, झांसी, कानपुर, लखनऊ, आगरा और अलीगढ़ में बड़े पैमाने पर जमीन लेकर डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। यूपीडा ने अब तक 45 एमओयू पर हस्ताक्षर कर लिए हैं, जिनसे बड़े स्तर पर निवेश आएगा और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे। इससे बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना है और उत्तर प्रदेश रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काफी तेजी से आगे बढ़ेगा।
सौजन्य - अमर उजाला।
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